Bharat ka sabse lamba bandh kaun sa hai

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Vishwa ka sabse lamba bandh kaun sa hai


Q. विश्व का सबसे लंबा बांध कौन सा है ?
(A) करीबा बांध
(B) रामगंगा बांध
(C) हीराकुंड बांध
(D) सरदार सरोवर बांध

Answer - हीराकुंड बांध

Explanation : विश्व का सबसे लंबा बांध हीराकुंड बांध है। यह बाँध दुनिया के सबसे लंबे मिट्टी के बांध में से एक है, और भारत का सबसे लम्बा बांध भी है। यह बांध ओड़ीसा राज्य में स्थित है। हीराकुंड बांध के पास निकटतम शहर संबलपुर है। यह बांध महानदी पर बना हुआ है। महानदी का उदगम छत्त्तीसगढ़ राज्य में स्थित है। महानदी को छत्तीसगढ़ राज्य की जीवन रेखा भी कहते है। महानदी की कुल लंबाई लगभग 854 किलोमीटर है। इस बांध का निर्माण कार्य सन् 1948 में शुरू हुआ था, और यह 1953 में बनकर पूर्ण हुआ। यह बांध सन् 1957 में पूरी तरह से कम करने लगा था। इस बांध की लंबाई 4.8 कि.मी. है, तथा इसकी कुल लंबाई लगभग कुल लंबाई 25.79 किमी (16.03 मील) है। हीराकुंड बांध की ऊँचाई 60.96 मीटर है। हीराकुंड बांध 596 वर्ग किमी (147,363 एकड़) के क्षेत्र बना हुआ है।
हीराकुंड बांध भारत की स्वतंत्रता के बाद शुरू होने वाली पहली प्रमुख बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना है। हीराकुंड बांध के दोनों किनारों पर मिट्टी के ढेर के कारण 743 वर्ग कि.मी. लंबा एक कृत्रिम झील बन गया है। इसे हीराकुंड कहते हैं। हीराकुंड बांध पर दो अवलोकन टॉवर गांधी मीनार और दूसरी जवाहर मीनार झील का शानदार नजारा दिखाते हैं। हीराकुंड बांध परियोजना सर एम विश्वेश्वरैया द्वारा प्रस्तावित की गई थी। 1946 में, उड़ीसा के गवर्नर सर हावथ्रोन लुईस ने हीराकुंड बांध की आधारशिला रखी। केंद्रीय जलमार्ग, सिंचाई और नेविगेशन आयोग ने बांध बनाने काम किया। बांध का निर्माण 1948 में शुरू हुआ था। इस बाँध का उद्घाटन 1953 में भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने किया था। 1953 में हीराकुंड बाँध निर्माण लागत की लागत 1.01 बिलियन डॉलर या अरब रुपये आई थी। वर्तमान में बाढ़ के पानी को छोड़ने के लिए 98 बाढ़ गेट, 64 स्लाइडिंग गेट और 34 क्रेस्ट गेट हैं।

हीराकुंड बांध महानदी डेल्टा में बाढ़ को नियंत्रित करता है और 7,500,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई करता है और पनबिजली भी उत्पन्न होती है। 1982 और 1990 के बीच सातवां और अंतिम जनरेटर PH I में स्थापित किया गया था। बांध के बिजली घरों की पूरी स्थापित क्षमता 347.5 मेगावाट है, तथा बिजली घरों की कुल क्षमता 307.5 मेगावाट है। दो प्रमुख बिजली संयंत्र बुर्ला और चिपिलिमा में हैं। चिपिलिमा को हीराकुंड बाँध की दूसरी पनबिजली परियोजना के रूप में प्रसिद्धि मिली है।

हीराकुंड बांध की तीन नहरें हैं, जिसका नाम बरगढ़ मुख्य नहर, सासन नहर और संबलपुर नहर है। बरगढ़ मुख्य नहर में 4000 क्यूसेक का जल निर्वहन दर है। हीराकुंड बांध से पानी विभिन्न उद्योगों को आवंटित किया गया था, मुख्य रूप से झारसुगुड़ा और संबलपुर जिलों में खनिज प्रसंस्करण और कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांट के लिए उपयोग किया जाता है। देबरीगढ़ वन्यजीव अभयारण्य ओडिशा के संबलपुर जिले का एक वन्यजीव अभयारण्य है, जो लगभग कुल 353 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यह हीराकुंड बांध के पास स्थित है। देबरीगढ़ वन्यजीव अभयारण्य ओडिशा राज्य में वन्यजीवों के संरक्षण और इसके आवास के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है।

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