Panna National Park
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पन्ना राष्ट्रीय उद्यान
पन्ना नेशनल पार्क
Panna National Park In Hindi
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान एक विश्व धरोहर स्थल है, जो खजुराहो से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1981 मे छतरपुर और पन्ना जिले मे की गई। यह लगभग 543 वर्ग किमी क्षेत्रफल पर फैला है। पन्ना जिला सागर संभाग के अन्तर्गत आता है। पन्ना में हीरों की खान है, साथ ही यह स्थान प्राचीन एवं सुन्दर मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। इसी कारण इसे मंदिरों की नगरी भी कहा जाता है। पन्ना 1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश में विलय कर दिया गया था।स्तनधारी प्राणी - पन्ना राष्ट्रीय उद्यान मे टाइगर, तेंदुआ, स्लोथ भालू, भेड़िया, जंगली कुत्ता, जंगली सूअर, हाइना, सांबर, चीतल, नीलगाय, चिंकारा, चौसिंगा, साही, जंगली बिल्ली इत्यादि स्तनधारी पाये जाते है। इस राष्ट्रीय उद्यान मे 200 प्रजातियों की पहचान की गई है जिनमें शीतकालीन प्रवासी पक्षियों की मेजबानी भी शामिल है।
जलीय जानवर - पन्ना राष्ट्रीय उद्यान मे मगरमच्छ और घड़ियाल केन नदी में पाये जाते हैं इसके अलावा मछलियों की कई प्रजाति, कछुए और अन्य भी पाये जाते हैं।
लुप्तप्राय प्रजातियां - पन्ना राष्ट्रीय उद्यान मे टाइगर, लेपर्ड, कैरकल, चार सींग वाले मृग, भारतीय भेड़िया, पैंगोलिन, रस्टी स्पॉटेड कैट, स्लोथ भालू और घड़ियाल, पार्क में पाए जाते हैं। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची में इन लुप्तप्राय प्रजातियो को शामिल किया गया हैं।
पन्ना जिले के जलप्रपात
पन्ना जिला पानी के झरने और प्राकृतिक दृश्यों से समृद्ध है। पन्ना विंध्याचल पर्वतमाला पर स्थित है जो पन्ना को बहुत सारे सुंदर स्थल प्रदान करता है।
एक किंवदंती के अनुसार, पांडवों ने अपने निर्वासन के दौरान पन्ना के जंगलों में काफी लंबा समय बिताया था।
पांडव जलप्रपात - पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के अंदर पांडव जलप्रपात स्थित है। पन्ना से खजुराहो की ओर लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और राष्ट्रीय राजमार्ग के बहुत करीब है। मानसून के दौरान भी इस प्रपात पर आसानी से पहुँचा जा सकता है, पांडव प्रपात बारहमासी प्रपात है। इस प्रपात के चारों ओर हरे भरे मैदान पतझड़ के मौसम को शानदार बना देते हैं।
गाथा जलप्रपात - यह जलप्रपात राजमार्ग के दूसरी ओर स्थित है। यह लगभग 300 फुट ऊँचा झरना है। यह झरना देखने मे बहुत प्रभावशाली है और सड़क से बहुत ही सुखद दृश्य प्रस्तुत करता है।
केन नदी - नदी मे जलीय शिकारियों विशेष रूप से मगरमच्छ और घड़ियाल को देखने के लिए एक उत्कृष्ट स्थान है, जिसे नदी के किनारों से इन जलीय शिकारियों को चारों ओर घूमते हुए देखा जा सकता है।
पन्ना जिले मे स्थित प्रमुख मन्दिर
पन्ना जिले मे स्थित मन्दिरों मे मुस्लिम वास्तुकला ज्ञान का प्रभाव इन मंदिरों में दिखाई देता है। इन मंदिरों के गुंबद प्याज के आकार के हैं। मंदिरों में शीर्ष पर कलश है। अधिकांश सबसे ऊंचे गुंबदों में कमल के आकार जैसे है।
जुगल किशोर जी मंदिर - यह पन्ना जिले में स्थित मुख्य हिंदू मंदिर है। यह मध्य प्रदेश के पन्ना जिले मे है।
बलदेव जी मंदिर - श्री बलदेवजी की आकर्षक प्रतिमा काले शालिग्राम पत्थर में निर्मित है। बालदेवजी मंदिर क्षेत्र की सबसे बेहतरीन इमारत है और पन्ना वास्तुकला के आंचल का प्रतिनिधित्व करता है।
महामति प्राणनाथ जी मंदिर - इस मंदिर का निर्माण 1692 ईस्वी में पूरा हुआ। हर साल शारदा पूर्णिमा पर हजारों लोग महोत्सव को मनाने के लिए यहां एकत्रित होते हैं।
पद्मावती देवी या बादी देवी मंदिर - यह किलकिला नदी के पास उत्तर पश्चिम छोर पर स्थित है, और यह बहुत पुराना मंदिर है। महाराजा छत्रसाल बुंदेला ने इसे अपनी राज लक्ष्मी के रूप में स्वीकार किया, हालांकि उनकी कुलदेवी विंध्यवासनी हैं।
अन्य मंदिर -
उपरोक्त मंदिरों के अलावा पन्ना में राम-जानकी मंदिर, स्वामी जी मंदिर, सारंग मंदिर, बाई जी मंदिर, गोविंद जी मंदिर अन्य महत्वपूर्ण मंदिर हैं। उपरोक्त सभी मंदिर पन्ना जिले मे स्थित है।
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